
नीरज जायसवाल सिटी न्यूज़ रिपोर्टर
रतनपुर – रतनपुर में चैत्र नवरात्र महोत्सव की धूम है. हजारों लाखों की तादाद में दर्शनार्थी महामाया मंदिर पहुंच रहे हैं. इन्हें सुविधा मुहैया कराने के नाम पर प्रशासन खुद को मुस्तैद दिखाने की तमाम कोशिशें भी कर रही है लेकिन महामाया चौक से पेन्ड्रारोड जाने वाले मार्ग की खस्ता हालत किसी को भी दिखाई नहीं पड़ रही. नवरात्र के दौरान इसी रूट में महामाया चौक से लेकर ग्रामीण बैंक चौक तक यातायात का सर्वाधिक दबाव है. यहीं पर करीब एक-डेढ़ किमी की दूरी में सड़के लगातार उधड़ती जा रही हैं और बीच बीच में छोटे-बड़े गढ्ढ़े बनते जा रहे हैं जो कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना के सबब बन सकते हैं. जो हजारों दर्शनार्थी दुपहिया चारपहिया वाहनों से महामाया मंदिर जाना चाहते हैं उन्हें रतनपुर की इसी एक्सीडेंटल मोड में डिज़ाइन की गयी सड़क को पार करना होता है. संबंधित विभाग को भी उधड़ती सड़क पर पैबंद लगाने और गड्ढ़ों को पाटने वाले काम पसंद नहीं. इसी मार्ग में ट्रैफिक जाम भी एक बड़ी समस्या है. अनियोजित बाजार प्रबंधन एवं अव्यवस्थित यातायात नियंत्रण इसके मूल में है. लेकिन प्रशासन के पास इतना वक़्त नहीं कि इन दोनों कारणों का कोई स्थायी समाधान खोज सके. जबकि भारी यातायात दबाव के चलते दुर्घटनाएं भी हो रही हैं और एक-दो लोगों की जान भी जा चुकी है.
सबसे मजे की बात यह है कि रतनपुर में बड़े-बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही बड़े बड़े मंत्री-मिनिस्टरों का यहां रोज आना-जाना लगा है इसके बावजूद इस बदहाल होती सड़क की तरफ न तो किसी की नजर जा रही और न ही इसकी मरम्मत की जा रही. जनता धूल फांके या खस्ताहाल सड़क में गिरे पड़े. इससे किसी को कोई लेना देना नहीं. हमें तो चिन्ता इस बात की है कि जब पर्यटन नगरी की सड़कें इंडिया गठबंधन की तरह भरभरा रही है तो उन स्थानों की कैसी हालत होगी जो ‘अपर्यटन स्थल’ हैं?